हर रोज दीदार हो जाए आंखों में आंखें डालकर बात हो जाए फिर जमाने की फिक्र छोड़ दूं अगर ख्वाहिशों की तरह काम हो जाए
करीब रहकर खुशहाल जिंदगी जीना चाहता हूं एक पल के लिए अब न दूर होना चाहता हूं तुम्हारी मोहब्बत के पनाहों में उम्र भर के लिए सोना चाहता हूं
तुम्हें पाने की जिद दिल ठान बैठा है हर एक पल दीदार की बेकरारी रहती है अपनी चाहतों के इजहार का ख्वाब बुन रहा हूं अब अकेले में कहीं ना मन लग रहा है
हम दोनों का इश्क परवाह चढ़ने लगा है एक दूजे के करीब होने की बेकरारी हद कर चुकी है ख्वाहिशों की तरह हर काम हो रहा है अब जिंदगी आसान लगने लगी है
हर ख्वाब हकीकत में बदलने लगे हैं जिंदगी से हर कमी दूर हो गई है बड़ी मशक्कत के बाद सफलता मिल रही है खुशियों के आंसू रूह को सराबोर कर रहे हैं