उस मुलाकात के कुछ हसीन लम्हे को याद कर मन में उमंग उठ रही है जिंदगी सवरने लगी है तुम मुकद्दर हो एहसास हो गया है हर वक्त तुम्हें पाने का ख्वाब देखने लगा हूं मुझे प्यार हो गया है
उसको गलतफहमी में बेवफा समझ बैठा मगर उसने भी अपनी वफा का मिसाल दे दिया अब हम दोनों के बीच सारे भ्रम खत्म हो गए हैं मैंने फिर नई जिंदगी की शुरुआत कर लिया
अब दूरियों को बर्दाश्त कर नहीं पाऊंगा करीब रहने का इंतजाम कर दो जहां हर मुद्दे पर बात हो जाए फुर्सत में कहीं मुलाकात कर लो
पहली नजर में ही दिल ले गई साथ पाने को बेचैन रहने लगा हूं उसको अपना कैसे बनाएं खुद से ये बातें करने लगा हूं मुझको यकीन हो गया है दूर रहना पड़ा तो तन्हा हो जाऊंगा कुछ इस तरह से प्यार करने लगा हूं